Saturday , 20 April 2024

जानिए ग्रहण पड़ने पर क्यों बंद कर दिए जाते हैं मंदिरों के कपाट!

एनटी न्यूज़ / वृंदावन-मथुरा / बादल शर्मा

कल चंद्रग्रहण के कारण सूतक लगते ही सभी मंदिरों में पूजा-पाठ के बाद कपाट बंद कर दिए गए थे. आज सुबह होते ही ग्रहण खत्म होते ही सभी मंदिरों के कपाट फिर से पहले की भांति खुल गए और मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन शुरू हो गए.

कैसे पड़ता है ग्रहण? क्या करना चाहिए हमें?

बांके-बिहारी के पुजारी राम विलास चतुर्वेदी ने चंद्रग्रहण के बारे में जो कुछ भी बताया, आपको दिखाते हैं. पुजारी राम विलास महाराज ने चंद्रग्रहण के विषय में बताते हुए कहते हैं कि पूर्णमासी को चंद्रग्रहण होता है, जो सूर्य व चंद्रमा के बीच में पृथ्वी के आने से घटित होता है. ग्रहण के समय ग्रहों से विषाक्त रश्मियां निकलती हैं जो कि हानिकारक होती हैं. शेष और जितनी जानकारियां उन्होंने हमें दी वह इस वीडियो में आप देख सकते हैं.

पुजारी राम विलास कहते हैं कि ग्रहण काल में पूजा करने के बजाय भजन व जप आदि किए जाते हैं. इस काल में किए गए भजन व जप आदि जल्द ही फलित होकर सुख प्रदान करते हैं. चलिए हम आपको वृंदावन धाम के प्रमुख मंदिरों के कल कपाट बंद होने की कुछ तस्वीरें दिखाते हैं .

बांके बिहारी जी मंदिर वृंदावन धाम
निकुंज सेवाधाम वृंदावन धाम
राधा रमण मंदिर रमण-रेती
राधा श्याम सुंदर मंदिर बरसाना

इन सभी मंदिरों के कपाट आज सुबह 4 बजे ही खुल गए औऱ पूजा- दर्शन आदि का दौर शुरू हो गया साथ भक्तों की चहल-पहल भी शुरू हो गई. ग्रहण पड़ने पर मंदिर के कपाट क्यों बंद कर दिए जाते हैं? इस प्रश्न के जवाब और आज की कुछ तस्वीरों के साथ हम आपको मिलते हैं आज शाम को.

संपादनः योगेश मिश्र

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