Friday , 29 March 2024

कोरोना ने खत्म की सऊदी की बादशाहत, चेक डिप्लोमेसी खत्म होने से पाकिस्तान में भी मचेगा हाहाकार

न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। इसी महामारी के चलते कच्चे तेल के दाम में एतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। जिसके चलते कच्चे तेल का किंग कहलाने वाले देश सऊदी की आर्थिक हालत भी पस्त हो गई है। अपनी आर्थिक हालत को बचाने के लिए सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने बड़ा फैसला लेते हुए चेक डिप्लोमेसी खत्म करने का फैसला किया। सलमान के इस फैसले से मुस्लिम देशों खासकर पाकिस्तान की हालत और खराब होगी।

क्या होती है चेक डिप्लोमेसी

चेक डिप्लोमेसी का मतलब है कोई राष्ट्र अपना वैदेशिक कूटनीति करके दुसरे देशों को आर्थिक सहायता करता है। उसके बदले उस देश की आर्थिक नीति तथा राजनीति में आपने स्वार्थ के लिए बदलाव लाता है। सऊदी के चेक डिप्लोमेसी खत्म करने के फैसले से पाकिस्तान को सबसे तगड़ा झटका लगेगा क्योंकि पाकिस्तान को सऊदी अरब ने 6.2 अरब डॉलर का लोन दे रखा है। जिसमें से पाकिस्तान ने केवल 1 अरब डॉलर ही लौटाया है। अभी भी पाकिस्तान को 5.2 अरब डॉलर लौटाने हैं।

रुस कर रहा तेल का खेल

तेल के बादशाह सऊदी अरब को पटखनी देने के लिए अमेरिका और रूस भी लगातार जुटे हए है। तेल की कीमतों में गिरावट के बाद इसी साल मार्च से रुस और सऊदी के बीच तेल कीमतों को लेकर तनातनी शुरू हुई। सऊदी अरब चाहता है कि रुस तेल का उत्पादन कम करें, लेकिन रुस उल्टा इसे बढ़ाने पर लगा है।

अमेरिका भी बनना चाहता है तेल का बादशाह

केवल रुस ही नहीं बल्कि अमेरिका में तेल के इस खेल में कूदा हुआ है। और सऊदी का पावर सेंटर शिफ्ट करना चाहता है। अमेरिका ने गिरावट के दौर में भी तेल का उत्पादन इतना बढ़ा लिया है कि वह दुनिया का अहम तेल निर्यातक देश बन गया है। 2018 में अमरीका सऊदी अरब को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश बन गया था। लेकिन कोरोना महामारी के बाद तेल के दाम गिरने के बाद एक बार फिर से प्राइस वार शुरू हो गई है और अमरीका के इस उभार का असर भी सऊदी और रूस के तेल बाज़ार पर पड़ा।

ऐसे बदल रहे समीकरण

  • जून में अमेरिका तेल उत्पादन में टॉप पर रहा
  • अमेरिका में तेल का उत्पादन 10879 बैरल प्रति दिन के पार
  • सऊदी का तेल निर्यात हर दिन 50 लाख बैरल से नीचे
  • सऊदी की तेल निर्यात में एक महीने में 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट
  • तेल पर निर्भरता कम करना बड़ी चुनौती

सऊदी अरब जैसे बादशाह के लिए अब यह चुनौती उतनी ही बड़ी है कि वो अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता तेल से कम कैसे करे। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का सपना है कि वो सऊदी को बिना तेल की कमाई पर खड़ा करें लेकिन अभी ऐसा कुछ हो नहीं पाया है, और निकट भविष्य में इसका कोई विकल्प भी नहीं दिख रहा। ऐसे में जिस तेल ने सऊदी अरब को बादशाह बनाया था वही तेल अब मुस्लिम देशों का तेल निकाल रही है।