न्यूज़ टैंक्स | लखनऊ
लखनऊ: कोरोना काल मे किसी को असुविधा न हो इसके लिए सरकार ने हर सम्भव राहत के लिए प्रयासरत है। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
लखनऊ के भैसाकुंड स्थित वैकुण्ठ धाम विद्धुत शवदाह गृह में काम कर रहे ऑपरेटर मुन्ना को पिछले चार महीने से तनख्वाह नहीं मिली है जिसके चलते घर मे खाने को लाले पड़ गए हैं। मुन्ना ने बताया कि वह पिछले छह साल से आउटसोर्सिंग के माध्यम से इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में काम कर रहा है।
कुछ समय पहले यहां का ठेका दूसरी कंपनी को दे दिया गया। लेकिन चार महीने से एक भी रुपया नहीं मिला है, जब संबंधित अधिकारियों से बात की तो सिर्फ आश्वाशन की घुट्टी पिलाई गई । आपको बता दें कि, भैसाकुंड नगर निगम लखनऊ की देखरेख में चल रहा है।
मुन्ना ने बताया कि,कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हर कोई डरा हुआ है, हम लोग बिना अपना ख्याल किये परिवार भरण-पोषण के लिए यह काम करते हैं। नगर निगम के जिम्मेदारों ने मौखिक रूप से यह भी कहा था कि विधुत शवदाह गृह में जो भी शव आएगा उसके लिए ऑपरेटर को अलग से 3500 रुपये हर बॉडी का दिया जाएगा।लेकिन अभी तक 100 से अधिक कोरोना संक्रमितों के शव को जलाया जा चुका है।
राजधानी की प्रसिद्ध समाजसेवी सुमन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान हालात में सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में जो कोरोना योद्धा हैं उनको समय से वेतन न मिलना नगर निगम की संवेदनहीनता को दर्शाता है।सुमन रावत ने कहा कि अगर कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिला तो वह जल्द ही उच्चाधिकारियों से मिलेंगी।
“विभाग को अटेंडेंस भेजा गया है, पैसा न होने के कारण भुगतान नही हो पाया था,दो से तीन दिन में भुगतान कर दिया जाएगा। जहां तक 3500 रुपये बॉडी की बात है, उसके लिए विभाग को प्रपोजल बनाकर भेजा गया है, विचार किया जा रहा है।”
सूर्य विक्रम सिंह, जेई