Friday , 29 March 2024

ऐसे बचा जा सकता है डेंगू से, जानें इसके कुछ लक्षण व बचने के उपाय

एनटी न्यूज डेस्क / स्वास्थ्य / अंशुल चौहान

डेंगू, मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है. ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं. मरीज में अगर जटिल तरह के डेंगू का एक भी लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं. डीएचएफ और डीएसएस  बुखार, डेंगू के दो प्रकार हैं जिनमें प्लेटलेट्स  काफी कम हो जाते हैं, जिसके कारण शरीर के जरूरी अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है.

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लक्षण-

तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आँखों में दर्द, अत्यंत कमजोरी, त्वचा पर निशान, पिटीकिए (रक्तवाहिनियों के फटने से बने धब्बे) हों जबकि इसकी चेतावनी के लक्षणों में पेटदर्द, ढीलापन, लगातार बनी हुई उल्टियाँ, आलस्य, बेचैनी आदि.

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निम्न बातों पर ध्यान दें-

  • घर के आस- पास या छत पर पड़े बेकार टायर, ट्यूब, टूटे हुए मटके, खाली डिब्बों आदि में बरसात का पानी इकठ्ठा न होने दें.
  • पार्क में जाते समय या ऐसी जगह जाते समय जहां मच्छरों के काटने का खतरा हो, वहां पूरी  बाजू के कपड़े पहनने चाहिए ताकि मच्छर ना काटें.
  • मच्छरों से बचने के लिए क्रीम, मच्छरदानी और अन्य उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए.

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उपचार हेतु घरेलू नुस्खे

पपीते के पत्ते

पपीते की पत्तियां, डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा कही जाती है. पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन एंजाइम (papain enjymes) शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है, साथ ही शरीर में प्राटीन को घोलने का काम करता है. डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का जूस निकाल कर एक एक चम्मच करके रोगी को दें. इस जूस से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है.

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मेथी की पत्तियां-

मेथी के पत्ते भी डेंगू के बुखार को ठीक कर सकते हैं. मेथी के पत्तों को पानी में उबालकर हर्बल चाय के रूप में इसका प्रयोग करें. मेथी से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे डेंगू के वायरस भी खत्म होते हैं.

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बकरी का दूध

डेंगू बुखार के लिए बकरी का दूध बुहत प्रभावशाली दवा है. बहुत कम हो चुकी प्लेटलेट्स को भी बकरी का दूध तुरंत बढ़ाने की क्षमता रखता है. डेंगू के उपचार के लिए रोगी को बकरी का कच्चा दूध थोड़ा-थोड़ा करके पिलाएं, इससे प्लेटलेट्स बढ़ेंगे और जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलेगा.

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इनसे बनायें दूरी-

  • तेल, मसाले और नमक से बचना चाहिए.
  • संतृप्त वसा, रिफाइंड शक्कर, और प्रोसेस्ड आहार नहीं लेने चाहिए.
  • गैस युक्त पेय, जंक और तैलीय भोजन का सेवन न करें.
  • कच्चा आहार ना लें. खासकर सब्जियों का सलाद. उन्हें प्रयोग के पहले धोना आवश्यक होता है, क्योंकि उनसे आंत में परजीवी संक्रमण हो सकता है जो रोगी को फिर से संक्रमित कर सकता है.

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